Blood urea nitrogen(BUN) test in Hindi | BUN full form in Hindi.

Blood urea nitrogen(BUN) test in Hindi | BUN full form in Hindi. 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “BUN(Blood Urea Nitrogen) test in Hindi ” में. आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि BUN test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही आप जानेंगे कि BUN test का नार्मल रेंज कितना होता है और इसके घटने या बढ़ने से क्या होता है. इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. 

Blood urea nitrogen(BUN) test in Hindi | BUN full form in Hindi.
BUN Test in Hindi. 

    BUN test क्या होता है? (What is BUN test in Hindi). 

    BUN का full form यानि पूरा नाम Blood Urea Nitrogen होता है.BUN  हमारे शरीर का waste product होता है.जो लीवर में बनता है.Blood urea nitrogen की मात्रा का पता लगाने के लिए BUN test निकाला जाता है. यह एक प्रकार का calculative test होता है. जिसे Urea की मदद से निकाला जाता है.

    BUN test क्यों किया जाता है? 

    हमारे ब्लड में  nitrogen की मात्रा का पता लगाने के लिए BUN test किया जाता है.जब भी किडनी और लीवर से जुड़ी किसी प्रकार की समस्या होती है तो उसका पता लगाने के लिए BUN test किया जाता है.किडनी की बीमारियों में दी जाने वाली दवाइयों का असर जानने के लिए भी इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है. 

    इसके अलावा और भी ऐसे कई कारण होतें हैं, जिसमें BUN test कराने के लिए कहा जाता है. तो चलिए जानतें हैं कि किन स्थितियों में BUN test कराने की सलाह दी जाती है और किस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर यह टेस्ट कराना चाहिए. 

    BUN test कराने की सलाह कब दी जाती है? 

     किडनी से जुड़ी समस्या होने पर डॉक्टर  BUN test या KFT test कराने की सलाह देते हैं.किडनी के खराब होने से कई तरह के लक्षण दिखाई देतें हैं जो इस प्रकार है –

    • शरीर में सूजन होने पर 
    • पैशाब में जलन होने पर 
    • पैशाब करने में कठिनाई होना पर
    • त्वचा रोगों में 
    • कमजोरी महसूस होने पर 
    • भूख कम लगना 
    • नींद नहीं आना 
    • थकान होने पर 
    • हाथ-पाँव में जलन होने पर 
    • पेट के दोनों साइड दर्द करने पर 
    • चक्कर आने पर 

    इसके अलावा भी और कई तरह के लक्षण दिखाई देने पर BUN test कराने की सलाह दी जा सकती है. साथ ही कई बार कई तरह की बीमारियों में भी इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है जो निम्नलिखित हैं –

    किन बिमारीयों में BUN test कराने की सलाह दी जाती है ?

    डायबिटीज में 

    Liver से जुड़ी बिमारीयों में 

    क्रॉनिक Kidney की बिमारीयों में 

    Hypertension में यानि उच्च रक्तचाप में 

    हार्ट अटैक 

    हार्ट फैलियर में 

    डायलिसिस में या 

    किसी दवाइयों के शुरू करने से पहले इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जा सकती है. 

    BUN test से पहले क्या करें ?

    BUN test कराने से पहले किसी खास तरह की तैयारीयों या फिर उपवास की जरूरत नहीं होती है. परन्तु कई बार यह टेस्ट कराने से पहले heavy protein डाईट नहीं लेने की सलाह दी जाती है. 

    क्योंकि इससे टेस्ट का परिणाम प्रभावित हो सकता है.साथ ही कई प्रकार की दवाइयों के सेवन से भी इसका रिजल्ट प्रभावित हो सकता है इसलिए उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें. 

    BUN test कैसे किया जाता है? 

    BUN test करने के लिए आपके बाजू से ब्लड सैम्पल लिया जाता है और फिर लैब में जाँच किया जाता है. इस टेस्ट को Blood urea की मदद से आसानी से निकाला जा सकता है. इसके लिए Blood urea की मात्रा को 2.14 से भाग दिया जाता है और इस तरह से BUN निकाला जाता है.

    BUN = Urea / 2.14 

    BUN test का नार्मल रेंज और परिणाम –

    सामन्यतः BUN test का नार्मल रेंज 7-20 mg/dl होता है. जो अलग-अलग लैबों के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है. 

    यदि ब्लड में BUN test का level 7mg/d से 20 mg/dl  के बीच होता है तो इसका मतलब है कि आपका किडनी स्वस्थ हैं और अच्छे तरह से काम कर रहा है. 

    और यदि BUN का level 20 mg/dl से ज्यादा होता है तो इसका मतलब है कि आपको किडनी से जुड़ी समस्या है. ऐसा कई बार अन्य कारणों से भी हो सकता है.

     जिसके बारे में आगे जानने वाले हैं. तो चलिए जानतें हैं कि BUN level के ज्यादा या कम होने से क्या होता है और किन कारणों से यह बढ़ता या घटता है. 

    BUN ज्यादा होने का कारण –

    हमारे ब्लड में BUN का लेवल बढ़ने या ज्यादा होने के निम्न कारण हो सकते हैं. जो इस प्रकार है –

    • दिल की बीमारियों में 
    • Dehydration (निर्जलीकरण) में 
    • उच्च प्रोटीन के कारण 
    • पथरी के कारण 
    • गुर्दे की खराबी के कारण 
    • तनाव 
    • Bleeding के कारण 
    • Stomach की समस्या में 

    इस तरह की स्थितियों में BUN का लेवल बढ़ जाता है. जिस कारण से इसके साथ अन्य टेस्ट भी कराने की सलाह दी जाती है. ताकि अच्छे से बिमारीयों का पता लगाया जा सकें. 

    BUN कम होने के कारण –

    BUN के कम होने के निम्न कारण हो सकते हैं.जैसे कि लीवर की बिमारीयों में BUN का लेवल कम हो जाता है. लीवर सिरोसिस या लीवर फैलियर, malnutrition (कुपोषण) और कम प्रोटीन के वजह से भी BUN की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है. 

    BUN test की कीमत कितनी होती है? 

    जैसा कि आपको पता है कि BUN test किडनी फंक्शन टेस्ट का ही एक टेस्ट है, जिसे अकेले नहीं किया जाता है. इसलिए इस टेस्ट की कीमत लगभग 450-750  रूपए तक हो सकती है. इस टेस्ट की कीमत आपके द्वारा चुने गए लैबों पर निर्भर करता है कि किडनी फंक्शन टेस्ट की कीमत कितनी है. 

    Conclusion (BUN test in Hindi)  –

    दोस्तों आज के इस पोस्ट “BUN (Blood urea nitrogen) test in Hindi ” के माध्यम से जाना कि BUN test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही आपने जाना कि Blood urea nitrogen के घटने या बढ़ने से क्या होता है और इसके घटने या बढ़ने के कौन-कौन से कारण होतें हैं. 

    आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें और कोई सुझाव या प्रश्न हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताए.धन्यवाद.

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