कच्चा अमरुद ही क्यों खाना चाहिए ? विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है अमरूद

कच्चा अमरुद ही क्यों खाना चाहिए? विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है|क्या आप भी खाते हैं अमरूद तो जाने अमरूद के औषधीय गुण के बारे में –

guava,  कच्चा अमरुद ही क्यों खाना चाहिए,benefit of guava
कच्चा अमरुद ही क्यों खाना चाहिए?

दोस्तों,अमरुद के बारे में हम सभी जानते हैं आप और हम सभी इसका उपयोग करते हैं परंतु हम यह नहीं जानते कि इसके खाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं और यह हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है और इसके औषधीय गुण क्या- क्या है? आज हम इसके बारे में  आपको बताने वाले हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे क्या सच में या इतना लाभदायक होता है?अमरूद….
“विटामिन-सी” का सबसे अच्छा 
स्रोत  है अमरूद-
दोस्तों, एक प्रसिद्ध विदेशी कहावत है कि “एक सेब  रोज खाइए और डॉक्टर को दूर रखिए ” अमरुद के साथ भी यह कहावत लागू होती है |दोस्तों अमरुद में स्वास्थ्य रक्षा के लिए आवश्यक सभी विटामिन और खनिज लवण भरपूर मात्रा में होते हैं और अमरूद में बहुत सारा विटामिन -सी होता है |यह विटामिन सी की मात्रा में आंवले के बाद, अमरूद में ही यह विटामिन सबसे ज्यादा पाया जाता है| सौ ग्राम अमरूद  में 212 मिलीग्राम विटामिन सी होता है जबकि नींबू में और संतरे में 39 और 30 मिलीग्राम विटामिन सी होता है |अमरूद  लोगों को खाने में यह बहुत ही स्वादिष्ट लगता है और दूसरे फलों के मुकाबले में या सस्ता भी है और  पोषक  भी है|
आइए पहले जानते हैं- अमरूद के बारे में कुछ खास बातें-
 अमरुद गोलाकार और लंबा होता है और इसका छिलका पतला पीला या हरा रंग वाला होता है इसके एक फल का वजन लगभग 30 ग्राम से लेकर 450 ग्राम तक का होता है|  इसका वनस्पतिक नाम सीडियम (psedium) है और अंग्रेजी में से गोवा भी कहते हैं इसका मूल स्थान दक्षिण अमेरिका है और इसके अलावा यह वेस्टइंडीज के अनेक भागों में भी बहुत भारी मात्रा में पाया जाता था |इसे स्पेनवासी से फिलीपिंस लाया गया और पुर्तगाली पश्चिमी समुद्री मार्ग से भारत लाए| फिर यह सारे गर्म देशों में फैलता गया भारत में अमरूद  काफी बड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है और यह भारत में सबसे ज्यादा अमरुद पाए जाते हैं..
guava,  कच्चा अमरुद ही क्यों खाना चाहिए,benefit of guava
कच्चा अमरुद ही क्यों खाना चाहिए?

अमरुद को आखिर कच्चा ही क्यों- खाना चाहिए?

कच्चा अमरुद ही क्यों खाना चाहिए ? विटामिन सी का सबसे अच्छा स्रोत है| अमरूद क्या आप भी खाते हैं अमरूद तो जाने अमरूद के औषधीय गुण के बारे में 


जैसा की आप सबको पता है कि अमरूद के कई किस्म होते हैं और आमतौर पर इन्हें दो वर्गों में बांटा गया है एक में बीजों के आसपास गुदा सफेद होता है तो दूसरे में लाल|लाल किस्म के अमरुद होते हैं और इसमें एक खास किस्म की भीनी खुशबू होती है जो कुछ किस्मों में ज्यादा तो कुछ किस्मों में कम पाई जाती है इन्हें पकाने के बाद यह सारी खुशबू उड़ जाती है इसलिए यह  कच्चा ही खाया जाता है| कई लोग इसे काटकर नमक मिर्च और नींबू लगा कर खाते हैं ऐसा करने से इसका स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही साथ और इसमें विटामिन -सी की मात्रा और भी बढ़ जाती है इसलिए हमें कच्चा अमरुद ही खाना चाहिए|
                     इसमें थोड़ा सा विटामिन ए और थायमीन भी पाया जाता है इसका कैलोरी गुण 51 कैलोरी है और अमरूद के छिलके में सबसे अधिक विटामिन सी होता है इसलिए इसके छिलके को कभी भी नहीं छिलना चाहिए और इसे कच्चा ही खाना चाहिए|

अमरूद के बीज को निकालकर  क्यों नहीं खाना चाहिए?

अगर शरीर में विटामिन सी की कमी हो जाती है तो हमें अमरुद को दबा के तौर पर खाना चाहिए क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है और इसके बीज कभी नहीं निकालना चाहिए क्योंकि इसमें अमरुद में पाए जाने वाले आयरन  के लगभग 4 / 5 भाग होता है इसलिए जब ताजे अमरुद ना मिले तभी रखे हुए अमरूद खाना चाहिए क्योंकि जब अमरुद को तौरकर टोकरी  में भरा जाता है तो  कुछ समय के बाद विटामिन सी की कमी होने लगती है परंतु यह नष्ट नहीं होता| हमें प्रतिदिन 100 ग्राम अमरुद से 66 मिलीग्राम विटामिन सी मिल जाता है इसलिए अमरूद हमारे लिए बहुत ही लाभदायक होता है|
 अमरूद के औषधीय गुण-
अमरुद के गूदे को शहद और दूध के साथ खाने से प्राकृतिक विटामिन सी और कैल्शियम की प्राप्ति होती है |बच्चों ,गर्भवती और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं को यह बड़ी ही शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है पर इसे छानकर नहीं पीना चाहिए|
दांत और मसूढों के लिए अमरूद का उपयोग-
कच्चे अमरुद मे  टेनिक ,मेलिक, अक्जेलिक ,फास्फोरिक एसिड के साथ-साथ कैलशियम ऑक्सेलेट और मैग्नीज भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसे चबाने से दांत और मसूड़ों मजबूत होते हैं मसूड़ों से खून बहना बंद हो जाता है और अमरूद की कीमती पत्तियां चबाने से भी मसूड़ों का खून बहना बंद हो जाता है, मुंह से बदबू दूर हो जाता है और दांत स्वस्थ बनते हैं | माउथ वास के लिए इसकी जड़ की छाल का काढ़ा भी बड़ी लाभदायक होती है पुराने जमाने में लोग इसके पत्ते चबाते थे, जब कभी मुंह में छाले पड़ जाते थे| अमरूद की दातुन करने से दांतों और मसूड़ों के इंफेक्शन भी  दूर हो जाते हैं|
 कब्ज में अमरूद का उपयोग-
 पका हुआ एक अमरुद दस्तावर होता है रोज एक अमरुद कुछ दिनों तक खाने से कब्ज दूर हो जाता है पर अगर इन्हें छीलकर और इसके बीज निकालकर खाया जाए तो या किसी भी तरह का प्रभाव नहीं करता है इसलिए हमें इसके बीज निकालकर नहीं खाना चाहिए|
हृदय की धड़कन में अमरूद का उपयोग-
 रोज खाली पेट एक पका अमरूद खाने से और खून की कमी से दिल का जोर- जोर से धड़कना ठीक हो जाता है क्योंकि इसमें ‘लोैह ‘ की मात्रा भी अधिक होती है इसलिए यह खून बनने में भी मदद करता है|
दस्त और पेचिश में  अमरूद का उपयोग-
कच्चा अमरुद  दस्त और पेचिश इसमें भी बहुत फायदेमंद होता है इसके लिए छाछ(पतली लस्सी)  के साथ नरम फल खाने से साधारण दस्त में और पेचिश में बहुत ही लाभदायक होता है |इसकी जड़े की छाल में भरपूर टे़निन होता है इसका गाडा काढ़ा बनाकर पीने से शिशुओं के पुराने दस्त, हैजे  की उल्टियां और सभी प्रकार की दस्त समस्याएं बंद हो जाती है|
दोस्तों यह पोस्ट आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं और यदि आपको इसमें कोई परेशानी हो तो वह भी नीचे कमेंट कर जरूर पूछें .यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के बीच शेयर जरूर करें धन्यवाद…..

Leave a Comment