Rh factor in Hindi | आरएच फैक्टर क्या है?

RH factor in Hindi | RH factor क्या है? 


RH factor in Hindi | Rh Factor क्या है | Rh Factor किसे कहते हैं
RH factor in Hindi. 
यदि आप जानना चाहते हैं कि “Rh factor in Hindi ” या ” आर एच फैक्टर क्या है? ” और pregnancy में RH factor (Rh factor in pregnancy in Hindi) तो आप इस पोस्ट के द्वारा बहुत ही आसान शब्दों में समझ सकते हैं कि Rh factor क्या है और Pregnancy में Rh factor test का क्या महत्व है. तो चलिए सबसे पहले हम यह जानते हैं कि “आर एच फैक्टर क्या है? “

आर एच फैक्टर (कारक) क्या है ? (Rh Factor in Hindi). 

Rh एक प्रकार का प्रोटीन है.यह लाल रक्त कोशिका के सतह पर पाया जाता है ,जिसे रीसस कारक या आरएच फैक्टर (RH factor) कहते हैं .यदि आपके ब्लड में RH protein पाया जाता है तो आपका ब्लड ग्रुप पॉजिटिव और यदि नहीं होता है तो निगेटिव होता है. 
अब आपके मन में यह सवाल भी आ रहा होगा कि Rh Factor की खोज किसने की? तो चलिए जानतें हैं –

आर फैक्टर की खोज किसने की ?

Rh Factor और Blood group(रक्त समूह)  की  खोज  “Karl landsteiner ” ने किया था. जो
ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक थे.इन्होने ही Rhesus नामक बंदर में सबसे पहले Rh protein को पाया,जिस कारण इसे RH factor कहा जाता है. 
कार्ल लैंडस्टेनर को ब्लड ग्रुप का जनक माना जाता है. लैंडस्टेनर ने  1901 में ब्लड के अलग-अलग ग्रुप की खोज की थी जो ब्लड ग्रुप ए बी ओ सिस्टम है अर्थात ब्लड ग्रुप ए बी  एबी और ओ है ब्लड ग्रुप ए जिस पर एंटीजन A होता है. B जिस पर एंटीजन B  होता है  AB जिसमें दोनों एंटीजन यह ए और बी  होता है और O ग्रुप जिस पर कोई एंटीजन नहीं होता है.


Rh factor का full form (Rh Factor full form in Hindi)  –

Rh का full form होता है Rhesus यह एक प्रकार का प्रोटीन है ,जो कि सर्वप्रथम रीसस(Rhesus) नामक बंदर में पाया गया था. जिसके नाम पर इसे Rh factor कहा जाता है. 
अब आपको पता चल गया होगा कि “RH factor किसे कहतें हैं?”और RH factor का Full from क्या होता है?

 

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गर्भावस्था में Rh Incompatibility क्या है?

आरएच Negative माता और आरएच Positive बच्चें का खून गर्भ में सम्पर्क में आने पर माँ के शरीर में एंटीबॉडी बनने लग जाती है। इससे बच्चें की लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) को नुकसान होता है। इस कारण बच्चे में एनीमिया हो सकता है। इस समस्या को रोकने के लिए गर्भवती महिला को RhIG (Rh Immune Globulin) का इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे महिला के शरीर में एंटीबॉडी का बनना रुकता है।
गर्भ धारण करने में आरएच कारक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी कारण कुंडली मिलाने से ज्यादा जरूरी ब्लड ग्रुप जांचना है। दुनिया के ज्यादातर लोगों के ब्लड ग्रुप में आरएच पाया जाता है। कुछ फीसदी लोग ही आरएच Negative होते है यानिकि उनके रक्त में आरएच एंटीजन नही होता है।
Rh Factor Test से आरएच एंटीजन का पता लगाया जाता है। आरएच कारक Test करवाना जरूरी है। क्योंकि रक्त समूह का पता लगने के बाद ही किसी दूसरे व्यक्ति को खून चढ़ाया जा सकता है। बिना आरएच Factor टेस्ट किये खून चढ़ाने पर जान का खतरा रहता है।

आरएच टाइपिंग क्या है?

लाल रक्त कोशिकाओं में एक और तरह का एंटीजन होता है. इसे कहते हैं RhD. यह एंटीजन 61 Rh टाइप के एंटीजनों के समूह का हिस्सा होता है. जब ख़ून में Rhd हो तो इसे पॉज़िटिव कहा जाता है और अगर न हो तो नेगेटिव टाइप कहा जाता है.

आरएच रोग के क्या लक्षण है?

यह रोग है मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द से जुड़ा गठिया या आर्थ्राइटिस। इसमें मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, सूजन, लालिमा पैदा होती है। इसके रोगी को उठने-बैठने, चलने-फिरने, झुकने या किसी खास किस्म का कार्य करने में तकलीफ होती है।


RH factor के अनुसार ब्लड ग्रुप की पहचान कैसे करें? 

यदि आप के ब्लड में RH प्रोटीन नहीं है तो  आपका ब्लड ग्रुप नेगेटिव  होगा और यदि आप के ब्लड में  RH प्रोटीन है, तो आप का ब्लडग्रुप पॉजिटिव होगा इसके अनुसार ही ब्लड ग्रुप का पता लगाया जाता है.
जैसे कि मान लीजिए आपका ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव है ,तो आप  मैं  आरएच प्रोटीन मौजूद है और यदि आप के ब्लड में यह प्रोटीन मौजूद नहीं है तो आपका blood ग्रुप ए नेगेटिव होगा.
इसी तरह से  ब्लड ग्रुप बी में भी होता है और एबी पॉजिटिव वाले व्यक्ति में एंटीजन (AB) एबी दोनों मौजूद होता है | इसके ब्लड ग्रुप की सतह पर आरएच प्रोटीन पाया जाता है तो इसका ब्लड ग्रुप एबी पॉजिटिव होगा और यदि आरएच ब्लड की सतह पर नहीं होगा तो वह व्यक्ति एबी नेगेटिव होगा यानी कि उसका ब्लड ग्रुप एबी नेगेटिव होगा .
 और इसी तरह अगर ओ ब्लड ग्रुप वाले व्यक्ति में आरएच फैक्टर पाया जाएगा तो उसका ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव होगा  अगर उसके ब्लड की सतह पर आर एस प्रोटीन नहीं पाया जाता है तो उसका ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव होगा तो चलिए अब मैं आपको इस चित्र के माध्यम से नीचे समझाता हूं|
Blood group test कैसे किया जाता है और ब्लड ग्रुप को अच्छे से समझने के लिए हमारे  इस पोस्ट को पढ़े 👉
RH factor in Hindi | RH factor kya hota hai in Hindi .

RH factor in Hindi. 
तो अब आप समझ गए होंगे कि आरएच फैक्टर के कारण ही  हम लोगों का ब्लड ग्रुप  पॉजिटिव या नेगेटिव होता है  जिसमें लगभग 85% लोगों में  RH प्रोटीन पाया जाता है जिससे उसका ब्लड ग्रुप पॉजिटिव होता है जबकि आरएच नेगेटिव वाले बहुत ही कम लोग होते हैं.
RH नेगेटिव होना कोई बीमारी नहीं है और आपके स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं डालता है लेकिन गर्भवती महिला के आरएच नेगेटिव होने पर यह गर्भधारण को प्रभावित कर सकता है यदि महिला आरएच नेगेटिव हो और बच्चे का पिता आरएच पॉजिटिव हो तो इस स्थिति में आवश्यक देखभाल करने की आवश्यकता होती है.

 
 RH factor test(Rh factor in Hindi) –

RH factor टेस्ट –गर्भवती महिला के आरएच फैक्टर (कारक) की पहचान करने के लिए antibody screening test किया जाता है.गर्भावस्था के दौरान यदि महिला RH negative  हो और पुरुष  RH पॉजिटिव हो तो दिक्कत हो सकती है.

RH पॉजिटिव पिता हो और मां Rh नेगेटिव हो तो फर्स्ट टाइम दिक्कत हो सकता है ( परंतु इसके लिए  आपको चिंतित होने की कोई आवश्यकता नहीं है आज के समय में  इसका भी 
उपाय  है )और यदि दोनों नेगेटिव या पॉजिटिव हो तो कोई दिक्कत होने की संभावना नहींं होती  है.

Pregnancy में Rh factor से जुड़े सवाल-


यदि महिला RH +और पुरुष RH +हो तो  –

दिक्कत नहीं होगा|

 अगर महिला और पुरुष दोनों Rh (+) पॉजिटिव हो तो किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है क्योंकि दोनों के ब्लड में same (समान) Rh factor पाया जाता है जिस कारण से किसी दूसरे एंटीबॉडीज का निर्माण नहीं होता और इस प्रकार कोई भी दिक्कत नहीं होती है.

 यदि महिला RH- और पुरुष RH- नेगेटिव हो तो –

भी कोई दिक्कत नहीं होगा-


 यदि महिला और पुरुष दोनों का ब्लड आरएच नेगेटिव हो तो किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है क्योंकि दोनों के ब्लड ग्रुप में same (समान) प्रोटीन पाया जाता है.जिस कारण से किसी अन्य एंटीबॉडीज का निर्माण नहीं होता है और  महिला और पुरुष दोनों सुरक्षित रहते हैं.

यदि महिला RH+पॉजिटिव और पुरुष RH- नेगेटिव तो- कोई दिक्कत नहीं होगा-


 यदि महिला rh positive और पुरुष आरएच नेगेटिव हो तो भी कोई दिक्कत नहीं हो क्योंकि महिला की rh पॉजिटिव होने से उस महिला में Rh प्रोटीन रहता है जोकि पुरूष के rh नेगेटिव होने से कोई प्रभाव नहीं डालता क्योंकि आरएच नेगेटिव में किसी प्रकार का rh प्रोटीन ब्लड में नहीं पाया जाता है .

 यदि महिला RH- नेगेटिव हो और पुरुष RH+ पॉजिटिव तो-


जब किसी आरएच नेगेटिव महिला का विवाह (Rh+)आरएच पॉजिटिव पुरुष से होता है तो उनके बच्चे आमतौर पर आरएच पॉजिटिव वाले ही पैदा होते हैं. 

गर्भावस्था में तो इस मामले में भ्रूण की कुछ रक्त कोशिक, गर्भनाल के रास्ते मां के रक्त में मिल जाती है तब मां का शरीर में ऐसे एंटीबॉडीज का निर्माण होता है. जो इन अपरिचित रक्त कोशिकाओं को नष्ट कर देता है.

आमतौर पर पहली बार की अवस्था में कोई समस्या पैदा नहीं होती परंतु दूसरे या तीसरे चरण में मां के खून में बहुत अधिक एंटीबॉडीज का निर्माण होने लगता है. 

एंटीबॉडीज प्लेसेंटा से होते हुए उनके रक्त में मिल जाते हैं तो एंटीबॉडी उनके रक्त कोशो को नष्ट करने लगते हैं.जिस कारण से शिशु को खून की कमी का शिकार होना पड़ता है परंतु आजकल एक नया तरीका निकाला आया है.जो आरएच नेगेटिव मां के शरीर में ऐसे antibodies को बनने नहीं देता है जिस कारण से दूसरे तीसरे बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचता है.

Rh negative वाली माँ को imoglobulin का injection क्यों देना चाहिए? 

अगर आरएच नेगेटिव वाली मां को immune globulin का इंजेक्शन नहीं दिया जाता है और उचित सावधानी नहीं बरती जाती है तो पहले जन्म के बाद हर गर्भ में उसका शरीर निरंतर भारी संख्या में antibodies बनाता रहता है जो बच्चे या भ्रूण को नुकसान पहुंचाती है इसलिए अधिकांशत: बच्चे जन्म के बाद मर जाते हैं.

परंतु यदि गर्भवती मां को Rh immune globulin का  इंजेक्शन एकदम सही समय पर लगा दिया जाता है तो एंटीबॉडीज का निर्माण नहीं होता है . इस इंजेक्शन को पहले प्रसव के बाद  72 घंटे के भीतर  लगा देना चाहिए.  जिससे मां और बच्चे दोनों सुरक्षित रहते हैं.

अतः प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें और सही समय पर उसका इलाज करें ताकि आप और आपके बच्चे सुरक्षित रहे.

Conclusion

आज आपने जाना –आर एच फैक्टर क्या है?  या आर एच फैक्टर किसे कहतें हैं ? और pregnancy में  Rh Factor से जुड़ी कुछ सवालों का जवाब जाना जो लोग पूछा करते हैं. आशा करता हूं,आपको यह पोस्ट ” Rh factor in Hindi ” पसंद आया होगा.

यदि किसी प्रकार की समस्या होती है तो कमेंट करके जरूर बताएं और इसी प्रकार की health से जुड़ी जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को regular visits जरूर करे और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें….धन्यवाद.

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