KFT test in Hindi | Kidney Function Test kya hota hai.

KFT test in Hindi | Kidney Function Test kya hota hai. 

KFT test in Hindi | Kidney Function Test kya hota hai.
KFT test in Hindi. 

 नमस्कार दोस्तों, 

स्वागत है आपका एक बार फिर से मेरे इस ब्लॉग में दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं “KFT Test in Hindi” अर्थात किडनी फंक्शन टेस्ट क्या होता है हिंदी में पूरी जानकारी आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से देने वाला हूं.इस पोस्ट में आप जानेंगे कि किडनी फंक्शन टेस्ट क्या है,किडनी फंक्शन टेस्ट में कौन-कौन से टेस्ट आते हैं और उसका नार्मल रेंज क्या होता है.

यदि किडनी फंक्शन टेस्ट के रिजल्ट में कोई गड़बड़ी होती है या यह नार्मल रेंज से ज्यादा या कम होता है तो क्या करेंगे इन सभी बातों को आज मैं आपको बताने वाला हूं इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ेंगे और समझेंगे.

दोस्तों, किडनी फंक्शन टेस्ट के बारे में जानना इसलिए भी जरूरी है,क्योंकि यह हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है.जिसका सही से काम करने से हम स्वस्थ रहते हैं और यदि किसी प्रकार की समस्या होती है तो हम अस्वस्थ हो जाते हैं.

 किडनी फंक्शन टेस्ट कराने से हमें पता चलता है कि हमारी किडनी अच्छे से काम कर रही है या नहीं अर्थात हमारी किडनी ब्लड को फिल्टर कर रही है या नहीं कर रही है और भी बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य जो किडनी करती है उनके बारे में आज हम विस्तार से जानेंगें.

    Kidney क्या है ? (What is kidney)

     दोस्तों जैसा कि आप सभी को पता होगा कितनी हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे पसली के नीचे बाई ओर होता है. 

    किडनी का आकार सिम के बीज के जैसा होता है जिसका रंग भूरा होता है और किडनी का वजन लगभग 140 ग्राम का होता है. एक किडनी में लगभग 1 मिलियन नेफ्रॉन (Nephron)होता है .

    किडनी के द्वारा ही हमारा ब्लड फिल्टर होटल होता है और यूरिन बनता है और भी बहुत सारे हार्मोन भी बनाने का काम करता है. यदि मनुष्य में किडनी से जुड़ी समस्या होती है तो डॉक्टर हमें किडनी फंक्शन टेस्ट लिखते हैं. 

    कई बार यदि मरीज  की किडनी ज्यादा खराब हो जाती है तो उन्हें डायलिसिस कराना पड़ता है इसलिए आपको अपनी किडनी का ध्यान अच्छे से रखना चाहिए.

    KFT test kya hai in Hindi ?

     किडनी फंक्शन टेस्ट को ही KFT test कहते हैं. किडनी फंक्शन टेस्ट अर्थात KFT को हम RFT यानी Renal function test भी कहतें हैं क्योंकि kidney का दूसरा नाम रीनल होता है इसलिए किडनी फंक्शन टेस्ट को KFT या RFT test in Hindi कहा जाता है. 

    किडनी फंक्शन टेस्ट के द्वारा हमारे शरीर में किडनी से जुड़ी तमाम तरह की बीमारियों का पता लगाया जाता है. किडनी फंक्शन टेस्ट के द्वारा  पता लगाया जाता है कि किडनी सही से काम कर रहा है या नहीं और हमें किडनी से जुड़ी कौन सी समस्या है इनका भी पता लगाया जाता है.

    किडनी खराब होने के शुरूआती संकेत –

    सामान्यता शुरूआती दिनों में किडनी के खराब होने का लक्ष्ण नहीं दिखता है लेकिन जब किडनी में कठिनाई होती है तो कई सारे लक्षण आपको दिखाई दे सकते हैं जैसे कि-

    • शरीर में सूजन जैसे हाथ पैरों का फूल जाना
    •  बार-बार पेशाब आना या बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
    •  पेशाब करने में कठिनाई होना या जलन होना

     यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है तो आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें ताकि समय पर उसका इलाज हो सके और आप स्वस्थ रहें. 

    KFT test name chat with normal range. 

    •  Blood urea (ब्लड यूरिया) –  10-50 mg/dl
    • Blood urea nitrogen (ब्लड यूरिया नाइट्रोजन ) –  7-20 mg/dl
    •  Serum creatinine (सिरम क्रिटनीन) –  0.5-1.4 mg/dl
    • Serum uric acid (सिरम यूरिक एसिड) – 3.4-7.0 mg/dl
    •  Serum creatinine clearance test (सिरम क्रिटनीन क्लीयरेंस टेस्ट) – 85-125 ml/minutes
    • eGFR (ऐस्टीमेटेड ग्लोमेरूलर फिल्ट्रेशन रेट)  – 90-120 ml/minutes
    • Serum Electrolytes (सिरम इलेक्ट्रोलाइट्स)-
    • Sodium – 135-155 mmol/L
    • Potassium – 3.5-5.5 mmol/L
    • Chloride – 98-106 mmol/L
    • Phosphorus – 2.5-4.5 mg/dl
    • Calcium – 8.5-10.5 mg/dl
    • Megnessium – 1.5-2.5 mEq/L

    अलग-अलग लबों में अलग-अलग नार्मल रेंज होते हैं जिसमें कुछ ना कुछ डिफरेंस होता है. किडनी फंक्शन टेस्ट में मुख्यतः यह सारे टेस्ट होते हैं. 

    इनके अलावा डॉ आपको यूरिन रूटीन एग्जाम इन यानी कि यूरिन शुगर और यूरीन प्रोटीन कराने को बोल सकते हैं साथी ही सीबीसी टेस्ट भी कराने को सलाह दे सकते हैं इसलिए यदि आपको किडनी से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या होती है तो,आप अपने डॉक्टर से संपर्क जरुर करें.

    Kidney खराब होने के  लक्षण-

    किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण आपको दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि जब तक किजनी ज्यादा खराब नहीं हो जाती तब तक उनके लक्षण दिखाई नहीं देते परंतु कई बार किडनी के खराब होने के कई सारे लक्षण आपको दिखाई देते हैं जैसे कि-

    •  शरीर में सूजन जैसे हाथ पैरों का फूल जाना
    •  बार-बार पेशाब आना या बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना
    •  पेशाब करने में कठिनाई होना या जलन होना
    •  पेशाब में खून आना पेशाब का ज्यादा या कम होना
    •  मंदिर पीठ दर्द करना पसलियों के नीचे दर्द करना जहां किडनी होता है
    •  सूजन जैसे आंख नाक खूनी हाथ पैर और पेट पर सूजन होना 

     यह सभी शुरुआती लक्षण दिखाई दे सकते हैं कई बार मरीज को डायबिटीज यानी मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर की वजह से भी किडनी पर असर पड़ता है.

    हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की वजह से भी किडनी के खराब होने की संभावना बनी रहती है इसलिए आप अपने डायबिटीज को कंट्रोल में रखें और बीपी को कंट्रोल करें जिससे इसका असर आपकी किडनी पर ना पड़े.

    Kidney Function test कब कराना चाहिए? 

    किडनी से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए हमें किडनी फंक्शन टेस्ट कराना चाहिए और बात आती है कि किडनी फंक्शन टेस्ट कब कराना चाहिए.

    दोस्तों किडनी फंक्शन टेस्ट डॉक्टर आपको तभी लिखते हैं जब आपको किडनी के खराब होने के लक्षण दिखाई देते हैं,जैसे-हाथ पैर का फूलना,पेशाब करने में कठिनाई होना.

    यदि आप डायबिटीज के पेशेंट हैं या हाई ब्लड प्रेशर है तो इसके साथ डॉक्टर किडनी फंक्शन टेस्ट करने की सलाह देते हैं जिससे कि पता चल सके की आपकी किडनी सही है या नहीं. 

    किडनी जो हमारी शरीर से अपशिष्ट पदार्थ को बाहर निकालती है या उसे फिल्टर करके मूत्र के रूप में बाहर निकालता है.किडनी से जुड़ी कई समस्याओं का पता लगाने के लिए डॉक्टर इस प्रकार का टेस्ट लिखते हैं.

    डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाइयों का असर देखने के लिए भी टेस्ट लिखते हैं ताकि उसे पता चल सके की जो दवाई दी जा रही है वह कितने असरदार है.

    Kidney function test कैसे होता है? 

     किडनी फंक्शन टेस्ट कराने के लिए डॉक्टर सुबह के सैंपल की सलाह देते हैं परंतु यह टेस्ट आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी करा सकते हैं.इस टेस्ट मे ब्लड लिया जाता है और यूरिन का सैंपल भी लिया जाता है. 

    इसके बाद इन दोनों सैंपल को लैब में टेस्ट के लिए भेज दिया जाता है जहां पर ब्लड के से क्रिटनीन,सिरम यूरिक एसिड और यूरिया का पता लगाया जाता है.

    इस तरह आपके ब्लड  से ब्लड कंपोनेंट का पता लगाया जाता है और आपके यूरीन सैंपल से यूरिन में मौजूद प्रोटीन एवं सोडियम, पोटैशियम, मैग्निशियम आदि का पता लगाया जाता है.

    जिसके अनुसार आपका रिपोर्ट तैयार होता है और डॉक्टर उस टेस्ट के अनुसार डॉक्टर पता करते हैं कि आपको कौन सी बीमारी है और फिर दवाइयां देते हैं.

    Kidney Function Test report को कैसे पढ़े? 

     जब भी डॉक्टर आपको Kidney function test लिखते हैं ,तो उसमें किडनी फंक्शन टेस्ट के कौन-कौन से टेस्ट का नार्मल कितना है या फिर उस टेस्ट का नार्मल रेंज ज्यादा होता है तो, डॉक्टर उस टेस्ट से और आप के लक्षण से यह बताते हैं कि आपको कौन सी समस्या है इसे आप भी आसानी से पढ़ सकते हैं.इनमें निम्नलिखित टेस्ट होते हैं जैसे-

    • Serum uric acid –  यह हमारे शरीर में बनने वाला अपशिष्ट पदार्थ है जो किडनी के द्वारा फिल्ट्रेशन हो कर यूरिन में पास आउट होता है इसका नार्मल रेंज 3.4 से 7.0 मिलीग्राम प्रति लीटर लीटर होता है. यदि किडनी सही से काम नहीं करता है और यूरिक एसिड को यूरिन के द्वारा शरीर से बाहर नहीं निकलता है तो हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिस कारण से हमें पैर हाथ के जोड़ों में दर्द और गठिया की शिकायत होती है.
    • Serum Creatinine –  सिरम क्रिएटनीन हमारे मसल्स टिशु के डैमेज होने से बनता है इसे भी किडनी पैशाब के द्वारा शरीर से बाहर निकालता है. इसका नार्मल रेंज 0.5-1.4  mg/dl होता है.यदि हमारे शरीर में क्रिटनीन लेवल बढ़ जाता है तो इससे किडनी फेल होने का खतरा बना रहता है.
    • Blood Urea –  ब्लड यूरिया टेस्ट से हमारे शरीर में उपस्थित यूरिया का पता लगाया जाता है. इसका नार्मल रेंज 10-50 mg/dl होता है. हमारे ब्लड में उपस्थित  यूरिया  किडनी के द्वारा  फिल्टर होकर  यूरिन से पास आउट होता है .यदि हमारे शरीर में यूरिया की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे किडनी की बीमारी या किडनी के फेल होने का खतरा बना रहता है.
    • Blood urea Nitrogen –  ब्लड यूरिया नाइट्रोजन एक कैलकुलेट इंटरेस्ट है जिसे हम ब्लड में उपस्थित यूरिया की मात्रा से निकाल सकते हैं अभी हमारे शरीर में ब्लड यूरिया नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है तो इससे कई प्रकार की किरण से रिलेटेड बीमारियां हो सकती है.
    • eGFR –  ऐस्टीमेटेड ग्लौमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट इस टेस्ट के द्वारा यह पता लगाया जाता है कि किडनी प्रति मिनट कितना ब्लड फिल्टर करती है अर्थात साफ करती है. इस टेस्ट के कई स्टेज होते हैं जिसके द्वारा डॉक्टर पता लगाते हैं कि आपको किडनी से जुड़ी समस्या कितनी ज्यादा है.

     इस टेस्ट के अलावा डॉ आपको यूरिन रूटीन टेस्ट भी लिखते हैं. यूरीन रूटीन टेस्ट से आपके शरीर में यूरिन में उपस्थित प्रोटीन, एल्ब्यूमिन और इलेक्ट्रोलाइट्स जैसे सोडियम, पोटैशियम, मैग्निशियम इन सभी का पता लगाया जाता है और देखा जाता है कि आपके यूरिन में ब्लड तो नहीं आ रहा है और भी कई फैक्टर होते हैं जिसके द्वारा डॉक्टर आपके बीमारियों का पता लगाते हैं.

    KFT test price कितना होता है? 

     किडनी फंक्शन टेस्ट का प्राइस अलग-अलग लाखों में अलग-अलग होता है. सामान्यता किडनी फंक्शन टेस्ट मैं जितने भी टेस्ट होते हैं सबका एक कंप्लीट प्रोफाइल टेस्ट किया जाता है. इसकी कीमत 600 से हजार रुपए तक होती है.  

    इस टेस्ट को आप अपनी सुविधा के अनुसार अपने नजदीकी लैब में या फिर या फिर जिस डॉक्टर के पास दिखा रहे हैं वहीं पर अपना किडनी फंक्शन टेस्ट करा ले और यदि आपको ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की शिकायत होती है तो आप अपने डॉक्टर से लगातार सलाह लेते रहे.

    आपने सीखा –

    दोस्तों आज मैं आपको इस पोस्ट के माध्यम से किडनी फंक्शन टेस्ट से जुड़ी कुछ सामान्य जानकारी देने की कोशिश किया हूं आशा करता हूं आपको इस पोस्ट “KFT Test in Hindi” के माध्यम से किडनी फंक्शन टेस्ट से जुड़ी जानकारी मिली होगी और आप कुछ ना कुछ जरूर सीखें होंगे. आज आपने सीखा किडनी फंक्शन टेस्ट क्या होता है किडनी फंक्शन टेस्ट क्यों कराया जाता है और कब कराया जाता है किडनी के खराब होने के कौन-कौन से लक्षण हो सकते हैं और किडनी फंक्शन टेस्ट नार्मल रेंज कितना होता है इन सभी बातों को आज आपने जाना है इसी तरह की जानकारी के लिए आप हमारे इस ब्लॉग को लगातार पढ़ें और यहां से बहुत सारी जानकारियां प्राप्त करें और यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें धन्यवाद…

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