CRP test क्या है | CRP test in Hindi.

CRP test क्या है | CRP test in Hindi. 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “CRP test in Hindi ” में. इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि crp test क्या होता है और crp test क्यों किया जाता है. साथ ही CRP test से जुड़ी सभी बातों को जानेगें.इसलिए आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. 

CRP test क्या है | CRP test in Hindi.
CRP test in Hindi. 

आज के समय में अधिकांश मरीजों को CRP test कराने की सलाह दी जाती है और यह टेस्ट अधिकांश कोरोना मरीजों को भी लिखा जाता है.इसलिए लोग यह जानना चाहते हैं कि CRP test क्या होता है और यह क्यों किया जाता है.तो चलिए जानतें हैं –

    CRP Test क्या होता है? (What is CRP test in Hindi). 

    CRP का पूरा नाम C-reactive protein होता है. यह एक प्रकार का एंजाइम होता है जो लीवर द्वारा स्रावित होता है.इस टेस्ट के द्वारा हमारे शरीर के crp level का पता लगाया जाता है. 

    जब हमारे शरीर में किसी प्रकार का इंफेक्शन या इंफ्लामेशन होता है तो हमारे शरीर में CRP का लेवल बढ़ जाता है.ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि आपके Heart के arteries में सूजन है और इसका मतलब है कि आपको हार्ट अटैक आने का खतरा है. 

    लेकिन इसके साथ यह भी याद रखें कि CRP test एक Non specific test है, जिससे किसी खास बीमारी का पता नहीं चलता है.यह कोई भी ऐसी बीमारियों में बढ़ सकता है जिससे शरीर में सूजन हो पैदा होती हो. 

    CRP test क्यों किया जाता है? 

    C- reactive test,  शरीर में C-reactive protein की मात्रा का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह टेस्ट हमारे शरीर में होने वाली acute और chronic बीमारियों और हार्ट डीजीज का पता लगाने के लिए भी किया जाता है.इन बीमारियों में crp test कराने की सलाह दी जाती है. जैसे कि –

    • गठिया 
    • हार्ट डीजीज 
    • कैंसर 
    • कोरोना 
    • निमोनिया 
    • हड्डियों की समस्या में 

    इन सभी बिमारीयों में भी CRP level बढ़ जाता है. खासकर छोटे बच्चों में निमोनिया में CRP का लेवल बढ़ जाता है. 

    CRP test कब कराना चाहिए? 

    CRP Test कराने की सलाह डॉक्टर द्वारा तब दी जाती है, जब उन्हें लगता है कि आपको कोई क्रोनिक डीजीज या ऑटो इम्युन बीमारी के लक्षण हैं तो यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है. ये कुछ इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.जैसे कि –

    • तेज बुखार 
    • लगातार पसीना आना 
    • उल्टी होना 
    • दस्त 
    • साँस लेने में कठिनाई होना 
    • सिर दर्द 
    • कमजोरी महसूस होना 
    • शरीर में दर्द 
    • दिल का जोर से धरकना 

    इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. ये लक्षण खास कर कोरोना के मरीजों में भी होते हैं, इसलिए इसकी जांच जरूर कराए.आप के मन में यह सवाल आता होगा कि कोरोना की मरीजों का CRP test क्यों किया जाता है. तो चलिए जानतें हैं. 

    कोरोना मरीजों का CRP test क्यों किया जाता है? 

    जब भी किसी व्यक्ति को कोरोना होता है तो उस व्यक्ति को बुखार, सर्दी ,खांसी,सांस लेने में कठिनाई और निमोनिया के लक्षण दिखाई देते हैं और इस तरह की शरीर में सूजन होने से CRP का लेवल बढ़ जाता है. जिससे डॉक्टर को यह पता लगाते हैं कि मरीज कितना serious है, जितना ज्यादा crp level उतना ही ज्यादा खतरा होता है.

    इसलिए डॉक्टर यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं और फिर दवाई दी जाती है. पुन: दो तीन दिनों में यह टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है जिससे यह पता चल सके कि दवाई असर कर रही है या नहीं और मरीज की स्थिति का भी पता लगाया जाता है. 

    CRP test कराने से पहले क्या करें? 

    CRP test कराने के लिए किसी खास तरह की तैयारी की जरूरत नहीं होती है और ना ही उपवास(भूखें रहने) की जरुरत होती है. यह टेस्ट आप कभी भी करा सकते हैं. हाँ, यदि आप किसी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं तो उसकी जानकारी डॉक्टर को जरूर दें. जिससे डॉक्टर आपके स्थितियों को अच्छे से समझ सकें और आपका ईलाज सही से कर सकें. 

    CRP test कैसे किया जाता है? 

    CRP test करने के लिए आपके बाजू से ब्लड सैम्पल लिया जाता है और फिर लैब में जाँच किया जाता है. CRP test दो प्रकार की होती है. 

    जिसमें पहला Hs CRP test होता है, जिसे हम High sensitive CRP test कहतें हैं. यह टेस्ट ज्यादातर हार्ट डीजीज के लिए किया जाता है. 

    दूसरा standard CRP test होता है, जो सामान्यतः किसी क्रोनीक इन्फलामेटरी डीजीज या ऑटो इम्युन डीजीज में किया जाता है. 

    CRP test का परिणाम –

    यदि Hs CRP test किया गया है, जो हार्ट के लिए किया गया है तो- 

    यह नॉर्मल 1 mg/dl से कम होना चाहिए और इसका मतलब होता है कि व्यक्ति को हार्ट की समस्या होने की संभावना नही है. 

    यदि यह 1-3 mg/dl के बीच होता है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को हार्ट की समस्या होने की संभावना थोड़ी ज्यादा है. और 

    यदि crp , 3-10 mg/dl या ज्यादा है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को हार्ट की समस्या होने की संभावना ज्यादा है. इस स्थिति में डॉक्टर को दिखाना चाहिए. 

    और समान्यत: CRP test का नार्मल रेंज 0-10 mg/dl के तक होती है. समान्य व्यक्ति में यदि crp का लेवल 10 mg/dl से ज्यादा होता है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को क्रोनीक इन्फलामेटरी डीजीज या ऑटो इम्युन डीजीज है. 

    CRP test की कीमत कितनी होती है? 

    समान्य CRP test की कीमत लगभग 400-500 के बीच होती है. यदि Hs CRP test किया जाता है तो इसकी कीमत लगभग 800-900 तक हो सकती है.इसकी रेंज अलग-अलग लैबों के अनुसार अलग-अलग होता है. 

    आपने सीखा –

    दोस्तों आपने आज के इस पोस्ट “CRP test in Hindi ” के माध्यम से यह जाना कि CRP test क्या होता है और CRP test क्यों किया जाता है. साथ ही आपने जाना कि crp test कब किया जाता है और कोरोना मरीजों को crp test कराने की सलाह क्यों दी जाती है. 

    दोस्तों यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद. 

    Leave a Comment