ANA Test क्या होता है | Ana test in Hindi.

ANA Test क्या होता है | Ana test in Hindi. 

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस पोस्ट “Ana test in Hindi “ में. आज के इस पोस्ट के माध्यम से आप जानेंगे कि Ana test (Anti-nuclear antibody test) क्या होता है ,Ana test क्यों किया जाता है और इसका नॉर्मल रेंज कितना होता है. साथ ही Ana test से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है. अत: आपसे आशा है कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. 

ANA Test क्या होता है | Ana test in Hindi.
Ana test in Hindi. 

    Ana test क्या होता है? (What is Ana test in Hindi). 

    Ana का फुल फॉर्म Anti-nuclear Antibody test होता है. Ana test एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है.जिससे ब्लड में Ana antibody का पता लगाया जाता है. Ana antibody एक abnormal antibody होता है जो हमारे शरीर के antibody के खिलाफ antibodies बनाता है और उसे नष्ट करने लगता है. ऐसा कई तरह की बीमारियों में होता है जिसे autoimmune diseases कहा जाता है. 

    Ana test क्यों किया जाता है? 

    Ana test के द्वारा हमारे शरीर में Ana antibody की मात्रा का पता लगाया जाता है. हमारे शरीर में autoimmune बीमारियों का पता लगाने के लिए भी किया जाता है.

    यह एक Non-specific test है जिससे किसी खास बीमारी का पता नहीं चलता है. परन्तु Ana blood test से डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि आपको कोई ऑटोइम्यून बीमारियों है या नहीं. जिसके बाद आपके लक्षण और अन्य टेस्ट के अनुसार बीमारी का पता लगाया जाता है. 

    चलिए अब जानतें हैं कि किन बिमारीयों में और किस प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर Ana test कराने की सलाह दी जाती है. 

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    Ana test कब कराया जाता है? 

    जब डॉक्टर को यह संदेह होता है कि मरीज को कोई ऑटोइम्यून बीमारी है तो Ana test कराने की सलाह दी जाती है.जैसे कि रूमेटाईड अर्थराईटिस ,पॉलीमायोसिटीस, स्कलेरोडर्मा और एसएलई जैसे अन्य ऑटोइम्यून डीजीज. साथ ही यदि इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो भी Ana test कराने की सलाह दी जाती है. जैसे कि –

    • जोड़ो में दर्द या मांशपेशियो में दर्द 
    • बुखार 
    • सिर दर्द 
    • शरीर पर लाल चकते 
    • थकान 
    • कमजोरी महसूस होना 
    • बाल झड़ना 
    • हाथ, पैर का सून्न हो जाना 
    • त्वचा का प्रकाश के प्रति संवेदनशील होना 

    ऑटोइम्यून बीमारियों से ग्रसित लोगों में इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे सकते हैं.यदि किसी व्यक्ति में इस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे Ana test कराने को कहा जाता है. 

    Ana test से पहले क्या करें? 

    Ana test कराने से पहले किसी खास तरह के तैयारीयों की जरूरत नहीं होती. परन्तु यदि आप किसी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं या आपका किसी जगह ईलाज चल रहा था. तो उसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं. साथ ही, हो सकता है कि डॉक्टर आपको कुछ दवाइयों का सेवन नहीं करने की सलाह दें. क्यों कि कुछ दवाइयों के कारण टेस्ट रिजल्ट प्रभावित हो सकता है.

    यदि इस टेस्ट के साथ अन्य टेस्ट भी लिखा हुआ होता है तो उसके अनुसार डॉक्टर या फिर जिस लैब में जाँच कराने जाते हैं वहाँ उस टेस्ट के बारे में समझ ले. 

    Ana test कैसे किया जाता है? 

    Ana test करने के लिए आपके बाजू से ब्लड सैम्पल लिया जाता है. जिसके बाद उसे लैब में भेज दिया जाता है,जहाँ पर Ana test किया जाता है. Ana test करने के दो तरीके हो सकते हैं, Elisa test और इम्यूनोफ्लोरेंश.इन दोनों टेस्ट के द्वारा Ana test और उनके रिजल्ट को आसानी से समझा जा सकता है. 

    Ana test का परिणाम –

    Ana test का परिणाम व्यक्ति के लिंग, उम्र और व्यक्ति के स्वस्थ्य के अनुसार अलग-अलग हो सकता है.ana test के रिपोर्ट को आसानी से समझने के लिए यह समझना जरूरी होता है कि टेस्ट किस प्रकार से किया गया है. Ana test करने के दो तरीके हो सकते हैं. ELISA और इम्यूनोफ्लोरेंश के द्वारा-

     यदि Ana test ,ELISA के द्वारा किया गया है तो इससे पता चलता है कि Ana test की कितनी मात्रा कितने ब्लड में उपस्थित है और यदि यह टेस्ट इम्यूनोफ्लोरेंश के द्वारा किया गया है तो इससे हम एंटीवॉडी का टाइटर और उसकी पॉजिटीविटी का पैटर्न जान सकते हैं.

    Titre से हमें यह पता चलता है कि serum कितनी maximum relation में पॉजिटीविटी आती है.पॉजिटीविटी के पैटर्न से किसी खास बीमारी का पता लगाया जा सकता है. जैसे कि-

     sjogren सिंड्रोम और rheumatoid arthritis में स्पेकल्ड पैटर्न ऑफ पॉजिटीविटी पाया जाता है. स्कलेरोड्रर्मा और polymyositis में न्यूकलियोरर पॉजिटीविटी पाया जाता है. 

    असमान्य परिणाम –

    Ana test के positive आने पर यह ज़रूरी नहीं है कि आपको कोई ऑटोइम्यून बीमारी है.कैवल टेस्ट के पॉजिटिव आने से ऑटोइम्यून डीजीज का पता नहीं लगाया जा सकता. कई बार सामन्य व्यक्ति में भी Ana test पॉजिटिव आ सकता है.यह टेस्ट लीवर सिरोसिस और कुछ वायरल इंफेक्शन में भी पॉजिटिव हो सकते हैं. 

    समान्य परिणाम –

    यदि Ana test का रिपोर्ट निगेटिव आता है तो इसे समान्य परिणाम माना जाता है.इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति में किसी प्रकार की ऑटोइम्यून बीमारी नहीं है.किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें और डॉक्टर ही आपको टेस्ट के रिपोर्ट को आसानी से समझा सकते हैं.

    Ana test की कीमत कितनी होती है? 

    Ana test की कीमत लगभग 400-650 रूपए तक हो सकती है. सभी टेस्टों की कीमत अलग-अलग लैबों में अलग-अलग होता है.आप अपने सुविधा अनुसार किसी भी समय टेस्ट करा सकते हैं. परन्तु ध्यान रहे कि जब भी आप टेस्ट कराने जाए तो किसी अच्छे और verified lab में ही जांच कराए. 

    आपने सीखा –

    दोस्तों आज आपने इस पोस्ट “Ana test in Hindi “ के माध्यम से जाना कि Ana (Anti-nuclear antibody test) क्या होता है और यह क्यों किया जाता है. साथ ही Ana test के बारे में और भी कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की. आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा. यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें. धन्यवाद. 

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