अणु तेल के फायदे एवं नुकसान | Anu taila uses & Benefits in Hindi

 अणु तेल के फायदे एवं नुकसान | Anu taila uses & Benefits in Hindi 

आज के इस पोस्ट “Anu taila uses in Hindi ” के माध्यम से आप जानेंगे कि Anu taila क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. Anu taila के इस्तेमाल से कौन-कौन से फायदे और नुकसान होतें हैं.साथ ही आप जानेंगे कि Anu taila का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए. इसके अलावा Anu तेल से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जानेंगे तो आशा करता हूं कि आप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ेगें और समझेंगें. 

अणु तेल के फायदे एवं नुकसान | Anu taila uses & Benefits in Hindi
Anu taila uses in Hindi 

    अणु तेल क्या है? (What is Anu taila in Hindi)  –

    Anu taila एक प्रकार का आयुर्वेदिक दवा है जो कई कम्पनीयों द्वारा बनाया जाता है. जिसका उपयोग सर्दी खांसी, गले में सूजन, बाल झड़ना, शरीर में सूजन और कोरोना जैसी बीमारियों के लिए भी किया जाता है. 

    आयुर्वेद की पंचकर्म पद्धति में पांच प्रकार के कर्म होते है उन्हीं पांच कर्मों में से एक कर्म है नस्यमकर्म जिसमें नाक में औषधि तेल डालने का विधान है। नस्यम कर्म के नियम के अनुसार सुबह में नियमित रूप से दोनों नथुनों में दो बूंद अणु का तेल डालना चाहिए।

    अणु तेल की सामाग्री (Anu taila ingredients in Hindi) –

    अणु तेल में डालने वाली आयुर्वेदिक औषधियां कुछ इस प्रकार है- 

    • दालचीनी, 
    • कंटकारी, 
    • पिठवन, 
    • बृहती, 
    • देवदार, 
    • अनंतमूल, 
    • जीवंती 

    इसके अलावा भी इसमें अन्य कई जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल कर बनाया जाता है.यह तेल कोरोना के मरीजों के लिए एक वरदान के जैसा है।

    अणु तेल का उपयोग कैसे करें (How To use Anu taila in Hindi) –

    अणु तेल का न तो सेवन किया जाता है और न ही इसे टॉपिकल तरीके से लगाने की सलाह दी जाती है. इसे सिर्फ नाक में डाला जाता है, जिसके बारे में सही सलाह डॉक्टर ही दे सकते हैं. आयुर्वेद में इसे नास्य इलाज कहा जाता है. आइए, जानते हैं कि इसे कैसे इस्तेमाल किया जाता है –

    1. इसे नाक में डालने से पहले रोगी के सिर व चेहरे पर मालिश की जाती है.
    2. इसके बाद सिर को पीछे 30 डिग्री एंगल पर लाने के बाद नाक के दोनों छेदों में बूंद-बूंद करके अणु तेल डालने के लिए कहा जाता है.
    3. जब तेल को नाक के छेद में डाला जाता है, तो दूसरे छेद को उंगली की मदद से बंद करने और लंबी सांस लेने की सलाह दी जाती है.इस तरह से तेल नाक के जरिए होते हुए गले के अंदर म्यूकस तक पहुंच जाता है.
    4. फिर कुछ देर इसी पोजीशन में रहने के लिए कहा जाता है, ताकि गले में जमा म्यूकस को बाहर थूका जा सके, क्योंकि यह टॉक्सिक होता है.
    5. इसके बाद गले और मुंह को गुनगुने पानी से साफ करने के लिए सलाह दी जाती है.

    अणु तेल के फायदे एवं उपयोग (Anu taila uses & Benefits in Hindi) –

    जैसा कि हमने आपको बताया कि अणु तेल का निर्माण कई जड़ी-बूटियों को मिलाकर किया जाता है जिसके उपयोग से कई तरह की समस्याओं में लाभ मिलता है. जैसे –

    • आंखों की रोशनी में सुधार करता है 
    • सूंघने की क्षमता को बेहतर करता है 
    • कंधे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है 
    • मस्तिष्क की बीमारियों में फायदेमंद होता है 
    • यह वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करने में मददगार है. 
    • गले से जुड़ी परेशानियों को भी ठीक करता है
    • अणु तेल समय से पहले सफेद हो रहे बालों और झड़ते बालों को ठीक करने में अहम भूमिका निभाता है.
    • शरीर में कामेच्छा की कमी है तो उसके विकार को दूर कर उत्तेजना में वृद्धि करता है
    • शरीर के कफ दोष में नियंत्रण करके श्वासनली को साफ करता है
    • अस्थमा के मरीज में इसको प्रयोग में ला सकते है क्योंकि यह उनको राहत दिलाता है और तनाव-अवसाद में कमी लाता है
    • सिर दर्द एवं माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज का भी एक अच्छा विकल्प है
    • इसके अलावा यह मोतियाबिंद, मायोपिया और हाइपरमेट्रोपिया जैसी आंखों से संबंधित बीमारियों को दूर करने में भी मदद मिलती है. 

    अणु तेल का नुकसान (Side effects of Anu taila in Hindi) –

    अणु तेल के सेवन से उल्टी जैसे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं. आइए, अणु तेल के इस्तेमाल से होने वाले कुछ ऐसी ही नुकसान के बारे में जानते हैं –

    अणु तेल और जल नेति दोनों का साथ में इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह नेजल कैविटी को कोल्ड में बदल सकता है, जिससे कफ, सर्दी-जुकाम और साइनसाइटिस के लक्षण बढ़ सकते हैं.

    अणु तेल का इस्तेमाल खाली पेट करना सही रहता है, क्योंकि भरे पेट में यह नॉजिया या उल्टी का कारण बन सकता है.

    Anu taila की कीमत कितनी होती है? 

    Anu tel अलग-अलग कम्पनीयों द्वारा बनाया जाता है जिसके अनुसार इसकी कीमत भी अलग-अलग होती है जो आपको 50-110 रूपए तक में मिल जाता है. जिसे आप अपने नजदीकी दवा की दुकान से या फिर ऑनलाइन भी ऑडर कर सकते हैं. 

    Conclusion –

    आज के इस पोस्ट “Anu taila uses in Hindi ” के माध्यम से आपने जाना कि Anu taila क्या है और इसका उपयोग क्यों किया जाता है. Anu taila के इस्तेमाल से कौन-कौन से फायदे और नुकसान होतें हैं.साथ ही आपने जाना कि Anu taila का उपयोग कब और कैसे करना चाहिए. इसके अलावा Anu तेल से जुड़ी और भी कई महत्वपूर्ण जानकारीयों को जाना इसलिए आशा करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और आपको उचित जानकारी मिली होगी.. धन्यवाद. 

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